कोयला चोरी करने के लिए करोड़ों रुपए अदा कर रहा है प्रशासन
N N ग्लोबल वाशरी में आम तो आम गुटलियो के भी दाम
चंद्रपुर :- जिले में दिन पर दिन कोयला चोरी का व्यापार सक्रिय होता नजर आरहा है। कोयला चोरों द्वारा प्रशासन को चुना लगाने के नए नए तरीके इजात किए जा रहे है। कोल वाशरी आज कल कोयला चोरी करने के मुख्य ठिकान माने जा रहे है। कोल वाशरी में कोयला धुलाई के नाम पर कोयला चोरी का प्रयास खुले आम जारी हैं। रोजाना करोड़ों रुपए का कोयला धुलाई कर प्रशासन के संयंत्रो को भेजने के लिए कोल वाशरी में आता है। जैसा कि हमारे चैनल में पिछली खबर में प्रकाशित किया गया था की कोयला वाशरी के मालिकों द्वारा अच्छी गुणवत्ता के कोयले को बाहरी बाजारों में अधिक दामों में बेचने का कारोबार खुले आम जारी है।
आम तो आम गुटलियो के भी दाम
N N ग्लोबल कोल वाशरी को भी कोयला धुलाई कर सरकारी संयंत्रो को भेजने का करोड़ों रुपए का ठेका मिला है। जिसमे खदानों से निकलने वाले कोयले की अच्छी तरह सफाई कर कोयले की धुलाई कर कोयले की गुणवत्ता बढ़ा कर सरकारी संयंत्रो को भेजना था। पर N N ग्लोबल कोल३ वाशरी के मालिक द्वारा खदानों से आने वाले अच्छी गुणवत्ता वाले कोयले को अलग अलग कर सरकारी संयत्र को डस्ट भर कर भेजा जा रहा है। अच्छी गुणवत्ता वाले को कोयले को रिजेक्ट कोल के नाम पर बाहरी बाजारों में अच्छे दामों में बेचा जा रहा है। सरकारी संयत्र के अफसर कोल वाशरी के मालिक के साथ साठ गांठ कर चुके हैं?। शायद इसलिए ही घटिया गुणवत्ता का कोयला सरकारी संयंत्रो को प्राप्त होने के बावजूद भी संबंधित अफसर ठेका रद्द नही करते । खुले आम सरकारी संयंत्रो को भेजे जाने वाले कोयले की चोरी होने के बावजूद भी N N ग्लोबल के मालिक पर कार्रवाई नही होती है। आखिर ऐसा क्यों? इसे देख ऐसा लगता है की N N ग्लोबल कोल वाशरी के मालिक को प्रशासन द्वारा कोयला चोरी करने के लिए करोड़ों रुपए अदा कर रहा है। मानो भाटिया का काम तो कुछ इस तरह हो गया है की आम तो आम और गुटलियों के भी दाम इन्हे मिलते नजर आते है।
प्रदीप अग्रवाल पहुंचा रहा है N N ग्लोबल को मिलवटी डस्ट
पिछले कई वर्षो पहले से बंद पड़ा राजूरा में स्थित हरी गंगा केंद्र से निकलने वाले डस्ट का उपयोग N N ग्लोबल कोल वाशरी में किया जा रहा है। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार इस केंद्र से प्रदीप अग्रवाल नामक व्यक्ति द्वारा इस डस्ट को निकाला जा रहा है। प्रदीप अग्रवाल द्वारा केंद्र से निकाली गई डस्ट को डायरेक्ट N N ग्लोबल कोल वाशरी के मालिक को बेचा जा रहा है। N N ग्लोबल कोल वाशरी के मालिक द्वारा उसी डस्ट से मिट्टी अलग कर काली राखड को कोयले में मिलावट कर सरकारी संयंत्रो को भेजने का काम किया जा रहा है। जिस से संयंत्र को करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है।
क्या महसूल विभाग करेगा कार्रवाई ?
N N ग्लोबल कोल वाशरी में खुले आम कोयला चोरी का व्यवसाय जारी है। पर अब तक इसपर किसी तरह की कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आतीं। जिसकी वजह से और भी भारी मात्रा में इस वाशरी में कोयला चोरी करने का कारोबार जारी है। खुले आम N N ग्लोबल कोल वाशरी के मालिक द्वारा प्रशासन को चुनौती देता नजर आता है। अब देखना यह है की क्या महसुल विभाग द्वारा इस मामले की दखल ले कर जांच कर कार्रवाई की जाएगी? जांच का विषय।