दुर्गापुर खदान के माइनिंग कार्यकारी अधिकारी बालकृष्ण द्वारा कर्मचारी के साथ मारपीट
चंद्रपुर :- वेकोली चंद्रपुर क्षेत्र में आने वाली दुर्गापुर खुली खदान में माइनिंग कार्यकारी अधिकारी बालकृष्ण द्वारा माइनिंग सरदार संकल्प कुंभारे निवासी बाबूपेठ को दुर्गापुर खदान में पीट कर घायल करने का मामला सामना आया हैं। जिसपर दुर्गापुर थाने में शिकायत दर्ज कराए जाने की बात सूत्रों से पता चली है।
बताया जा रहा है लगभग रात १०.३० बजे के करीब घायल संकल्प कुंभारे रोजाना की तरह काम कर रहा था। इतने में दुर्गापुर खुली खदान के माइनिंग कार्यकारी अधिकारी बालकृष्ण द्वारा घायल कुंभारे को कुछ बात कही गई। जिसपर से विवाद खड़ा हुआ। कुछ ही पल के यह विवाद झगड़े में तब्दील हुआ और अधिकारी होने के नाते कर्मचारियों में अपना रौब जमाने के लिए माइनिंग कार्यकारी अधिकारी बालकृष्ण द्वारा माइनिंग सरदार संकल्प कुंभारे को बुरी तरह मारा गया जिस से कर्मचारी संकल्प घायल हुआ। संकल्प कुंभारे घायल होने की वजह से उसे वेकोली के अस्पताल डिस्पेंसरी में इलाज के लिए ले जाया गया था। पर वहां संपूर्ण यंत्रणा नही होने की वजह से उसे प्राथमिक उपचार के लिए चंद्रपुर के जिला शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।
आला अफसरों द्वारा माइनिंग कार्यकारी अधिकारी बालकृष्ण को बचाने का प्रयास?
साथ ही कर्मचारियों का यह मानना था की जिस वक्त यह घटना घटी उस समय माइनिंग कार्यकारी अधिकारी बालकृष्ण यह शराब के नशे में धुत थे। जिस वजह से उन्हें भी जांच के लिए पहले वेकोली के डिस्पेंसरी अस्पताल में ले जाया गया था। पर वेकोली के अस्पताल यंत्रणा नहीं होने के कारण और कर्मचारियों में बढ़ते आक्रोश के वजह से जबरन माइनिंग कार्यकारी अधिकारी बालकृष्ण को जिला शासकीय अस्पताल में लाया गया। जबकि प्रबंधन निजी अस्पताल में जांच कराने फिराग में थे। और चंद्रपुर जिला शासकीय अस्पताल के पहले स्थित चर्च के सामने प्रबंधन के आला अफसरों के आदेश पर रोक दी गई थी। इतने में कर्मचारियों का हुजूम बढ़ने पर और कर्मचारियों द्वारा जबरन शासकीय अस्पताल में भरती कर जांच करवाने की मांग पर शासकीय अस्पताल में भरती करवाया गया। जिससे प्रबंधन के आला अधिकारी माइनिंग कार्यकारी अधिकारी बालकृष्ण को बचाने के प्रयास कर रहे थे। ऐसा कर्मचारियों का कहना है।
तबादले की हुई मांग
बताया जा रहा है की माइनिंग कार्यकारी अधिकारी बालकृष्ण पिछले ४ वर्ष से इसी क्षेत्र में कार्यरत थे। और इनका पूरा कार्यकाल विवादित ही रहा। आए दिन कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार माइनिंग कार्यकारी अधिकारी बालकृष्ण द्वारा किया जाता था। जिस से कर्मचारियों को ऐसी घटना होने का अंदेशा पहले से ही था। चर्चा यह भी है की कई बार माइनिंग कार्यकारी अधिकारी बालकृष्ण शराब का सेवन कर ड्यूटी पर आते थे। पर प्रबंधन द्वारा इसे नजर अंदाज किया गया। अब देखना यह हैं कि प्रबंधन द्वारा माइनिंग कार्यकारी अधिकारी बालकृष्ण पर क्या कार्रवाई की जाएगी? क्या इस मामले की निष्पक्ष जांच कर माइनिंग कार्यकारी अधिकारी को बचाने का प्रयास करने वाले अफसरों पर भी शिकंजा कसा जाएगा? क्या माइनिंग कार्यकारी अधिकारी बालकृष्ण को बचाने का प्रयास क्षेत्रीय महाप्रबंधक और सब एरिया मैनेजर द्वारा किया जा रहा था?