चोराला और पठानपुरा से खुले आम रेती तस्करी
तहसीलदार खनिकर्म विभाग की आंखों पे पट्टी क्यों?
चंद्रपुर :- चंद्रपुर शहर के पठानपुरा वार्ड के स्थित जमन जट्टी शाह दरगाह से सटी नदी को कुछ रेत माफियाओं द्वारा रेती घाट बना दिया गया हैं। जिससे आए दिन रेत माफियाओं द्वारा हजारों ब्रास रेती का उत्खनन खुले आम जारी है। आप को बता दूं इस वर्ष चंद्रपुर में भारी मात्रा में बारिश हुई।
कई जगहों पर बाढ़ का वातावरण भी निर्माण हो चुका था। ऐसे में नदियों में भरपूर पानी भरा हुआ दिखाई दिया। नदियों में अधिक बहाव की वजह से आस पास के रेती घाटों से कई ब्रास रेती बहाव में बह कर छोटी नदियों में जमा हुई हैं। जिसका भरपूर फायदा रेती रेती तस्करों उठाया जा रहा है। और जिला प्रशासन मुखबधिर बनकर रेती चोरों की बाढ़ में लाखो रुपए का शासन का महसुल डूबता हुआ देख रहा है।
आप को बता दूं कि पिछले कई महीनो से चंद्रपुर जिले के रेती घाट नीलामी नही होने के कारण बंद है। रेती घाटों की नीलामी नही होने के बावजूद जिले में रेती की कमी नजर नहीं आई। जिसका मुख्य कारण छोटी नदियों से लगातार हो रही रेती की तस्करी।
इन छोटी नदियों से रेती माफिया रेती का उत्खनन कर करोड़ों रुपए की कमाई कर रहे हैं। और शायद उस पैसों में से कुछ हिस्सा जिला प्रशासन यानी खनिकर्म विभाग, तहसीलदार, पुलिस प्रशासन, आरटीओ जैसे विभागों को भी जाता है? शायद इसीलिए भी यह विभाग कार्यरत रहे कर भी कार्य करते नजर नही आते है।
रेती तस्करी में रेती माफियाओं द्वारा हमेशा से ही बगैर नंबर वाली गाड़ियों का उपयोग किया जाता है। जिसपर आर टी ओ विभाग का मुख्य आशिर्वाद रेती माफियाओं पर बनाए रखा गया है। इसीलिए भी बगैर नंबर वाले ट्रैक्टर, अप्पे, ट्रक जैसे गाड़ियों पर आरटीओ अफसरों द्वारा कार्रवाई नजर नही आती। आरटीओ कार्यालय द्वारा रेती माफियाओं की बगैर नंबर वाली गाड़ियों पर कार्रवाई नही करने की वजह क्या है?