रब का पेहला हुकम है पढ़- तो फिर पढ़ : मुफ़्ती हारून नदवी
शीरपुर में तालीमी बेदारी व हौसला अफ़ज़ाई सेमिनार कामियाब
क़ुरआन में रोज़ा नमाज़ हज ज़कात इन तमाम हुकमो में सबसे पहला हुकम आया है “इक़रा” यानी पढ़, तालीम हासिल कर,सारी इबादतों में पेहली इबादत है पढ़ना..और अल्लाह ने पहले पढ़ने का हुकम इसलिये दिया कि वो जानता है कि जबतक मेरा बन्दा पढ़ेगा नहीं मुझे भी नहीं जानेगा पहचानेगा, पढ़ेगा तो जानेगा मालिक कौन, ज़िन्दगी मौत किसके हाथ, कायनात का निज़ाम किसके हाथ..पढ़ने की ही बरकत से अल्लाह कामियाबी को दुनिया को क़दमो में डाल देगा, तरक्की इज़्ज़त सुकून अच्छी आला तालीम ही में है, इसलिये पढ़ो और अपनी नसलों को पढ़ाओ, आधी रोटी खाओ मगर औलाद को पढ़ाओ.. मेरी बच्चों कामियाबी की हसीन मंज़िलें आपका इंतेज़ार कर रही हैं, आगे बढ़ो.. ऐसे बहोत ही ज़ोरदार मोटिवेशनल ख्यालात मुल्क के मशहूर बेबाक मुक़र्रिर हज़रत मुफ़्ती मोहम्मद हारून नदवी ने अपनी तक़रीर में पेश किये,हज़ारों की तादाद में स्टूडेंट्स और पेरेंट्स मौजूद थे, ये शानदार प्रोग्राम शीरपुर में अमरेश भाई पटेल के कॉलेज कैंपस के खूबसूरत हॉल में रखा गया था, इस प्रोग्राम की सादरत भूपेश भाई पटेल ने की और मेहमान ऐ खूसूसी में राजू भंडारी, करीम सालार साहब, एजाज़ मालिक,साबिर सेठ धुलिया,आरिफ क़मर,ज़ीशान पठान, हारून सेठ सावदा, एजाज़ लाला,और बड़ी तादाद में शहर के सियासी समाजी ज़िम्मेदार मौजूद थे, इस प्रोग्राम में मरहूम नूर क़ाज़ी साहब को याद किया गया और उनके लिये दुआ भी की गयी, मुफ़्ती साहब की तक़रीर के बाद 10वी 12वीं और साइंस मेडिकल नीट और हफ़िज़ आलिम और मुफ़्ती बनने वाले तलबा को भी इनामात देकर तालियों की गूँज में हौसला अफजाई की गयी.. शीरपुर के जवानों की बहोत ही एक्टिव टीम क़ाज़ी सलमान, मौलाना अकरम,मुन्ना सर तालीमी बेदारी की के तमाम ज़िम्मेदारों की भी आने वाले मेहमानों ने हौसला अफ़ज़ाई की, प्रोग्राम के अध्यक्ष भूपेश भाई पटेल ने 250000 (ढाई लाख ) रुपये का तावून किया और अपने सदारती ख़िताब में उन्होंने ने भी तालीम की अहमयत पर मुख़्तासर बात की.. मुन्ना सर की शानदार निज़ामत और शुक्रिया के कलेमात पर शाम 5 बजे ये प्रोग्राम खतम हुवा..