रेती तस्करी का बढा ही है जोर ?सरकार का महसुल डुबा रहे है रेती चोर?
लिलाव के नाम से जोरो पर जारी है अवैध रेती तस्करी
चंद्रपुर:- चंद्रपुर जिले के मूल तहसील के कई रेती घाटों का लिलाव किया गया था। लीलाव में घाट खरीदी करने के बाद इसका भरपूर फायदा घाट धारक उठा रहे है। लीलाव की नियम और शर्तों को ताक पर रख कर मन मर्जी से रेती उत्खनन मूल के दुधाला घाट पर से जारी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस घाट से रॉयल्टी से अधिक की रेती लोड कर जिले के बाहर भेजा जा रहा है। मानलो अगर ४ ब्रास रेती की रॉयल्टी धारक के पास है तो उसमे १० ब्रास तक की रेती भर के भेजने का प्रयास इस घाट से जारी है। सूत्रों से पता चला है की रोजाना शाम ७ बजे से २ बजे तक के समय में ७० से अधिक पल्ला गाड़ी इस घाट से निकल रही है। जिसमे रॉयल्टी से अधिक रेती भर के बेचा जा रहा है। जिस से शासन का महसुल डूब रहा है और रेती तस्कर मालामाल हो रहे है। इसपर तहसीलदार और अन्य संबंधित विभाग कुंभ करण की नींद में है।
हाल ही में कुछ दिनो पहले ही चंद्रपुर तहसील कार्यालय में एक गाड़ी लगाई गई थी जो की अमरावती की होने की जानकारी है। बताया जा रहा है की इस गाड़ी में ७ ब्रास रेती की रॉयल्टी थी पर रेती माफियाओं द्वारा इसमें १४ ब्रास रेती भर कर जिले के बाहर भेजा जा रहा था। इसी के बाद कल रात में १:३० से २ के बीच में और २ गाड़ियों को तहसीलदार के पथक द्वारा पकड़ा गया हैं। और यह दोनो भी गाड़ियों चिचपल्ली थाने में खड़ी की है। इन दोनो गाड़ियों में ४ ब्रास रेती की रॉयल्टी है पर इसमें १० ब्रास भर कर अवैध रूप से भेजा जा रहा था। इसी पर तहसीलदार के पथक द्वारा कार्रवाई किए जाने की जानकारी सूत्रों से मिली है।
अब देखना यह है की आखिर इस तरह खुले आम शासन का डूबता महसूल बचाने संबंधित विभाग कोई नीति अपनाएगा। दुधाला घाट की जांच उत्खनन विभाग और अन्य संबंधित विभाग द्वारा किए जाने की मांग स्थानीय लोगो द्वारा की जा रही है ? क्या घाट की जांच कर घाट धारक को काली यदि में डाला जाएगा? ऐसे कई अन्य सवाल स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय बने हुए है