अफसरों के आशीर्वाद से होती है अवैध रेती तस्करी?
रेती तस्करी में सुपर ऐंट्री की हुई एंट्री क्या है सुपर एंट्री के फायदे? १५ लाख लाने वाला कौन है वो तहसील कार्यालय का वरिष्ट अफसर?

चंद्रपुर:- चंद्रपुर जिले में नीलाम हुए रेती घाटों से जरूरत से ज्यादा की रेती तस्करी होने की चर्चा सम्पूर्ण जिले में है। अफसरों की अनदेखी होने की वजह से घाट धारक शासन का महसूल लूट कर करोड़ों रुपए छापने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। नीलाम हुए घाटों की जांच इस समय बहुत जरुरी बताया जा रहा हैं। सभी रेती घाटों से रॉयल्टी से अधिक की रेती भर कर जिले के बाहरी हिस्से में भेजे जाने की जानकारी सूत्रों से मिली हैं। बताया जा रहा है की ३ ब्रास की रॉयल्टी निकल कर गाड़ी में १० ब्रास रेती घाटों से निकली जा रही हैं। और अफसरों के आंखो में धूल झोंक कर शासन के महसूल को घाट धारक डकार रहे है।
रेती तस्करी में हुई सुपर ऐंट्री की ऐंट्री
कुछ दिनो पहले रेती माफियाओं में काफी भय का वातावरण निर्माण हो चुका था जिसकी वजह उपविभागीय अधिकारी बने हुए थे। रॉयल्टी से अधिक की रेती भरी हुई गाड़ियों पर जम कर कार्रवाई उपविभागिय अधिकारी द्वारा देखने को मिली जिस से घाट धारक काफी परेशानी में आचुके थे। माल के साथ साथ गाड़ियों का भी नुकसान रेती घाट धारक को उठाना पढ़ रहा है। ऐसे समय में घाट धारक और कर्मचारियों ने सुपर ऐंट्री का इजात किया। सुपर ऐंट्री घाट धारक के लिए वह प्रमाण पत्र बना जिसे कोई भी अफसर अधिकारी हाथ नही लगाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रॉयल्टी से अधिक की रेती निकालना है तो कर्मचारियों से मिल कर सुपर एंट्री का परवाना हासिल करना पड़ेगा जिसका अलग से पैसा अफसर कर्मचारी को देना पड़ेगा। जिस से रॉयल्टी से अधिक मन चाही मात्रा में रेती लोड कर निकल पाओगे? अब यह सुपर एंट्री का परवाना बाटने वाला अफसर कोन है इसकी जांच होनी चाहिए ऐसे जन जन की मांग है।
क्या है सुपर एंट्री के फायदे?
सुपर ऐंट्री के फायदे कुछ इस तरह है की कर्मचारी खुद ही उपविभागीय अधिकारी की जानकारी स्वयं घाट धारक तक पहुंचाएंगे। जिसमे उपविभागीय अधिकारी किसी क्षेत्र के दौरे पर निकलते है तो उस समय उस क्षेत्र के घाट धारक को उपविभागीय अधिकारी के आने की जानकारी पहले ही दी जाती है। सुपर ऐंट्री का परवाना हासिल करने वाले व्यक्ति को रॉयल्टी से अधिक ब्रास रेती भर कर ले जाने का परवाना हासिल होगा। इनकी गाड़ियों की कोई भी असफसर जांच नही करेगा? ऐसे कई फायदे है जिस से घाट धारक करोड़ों कमा सके और लाखो की घुस दे सके? इसीलिए सुपर ऐंट्री का इजात किए जाने की चर्चा घाट धारकों में है। कर्मचारियों के अफसरों द्वारा व्हाट्सप्प पर फोन कर जानकारी दिए जाने की चर्चा भी खूब धूम मचा रही है। मानो लगता है शासन का महसूल तो कर्मचारियों और अफसरों ने लुटा घाट धारक में कहा दम था। कार्रवाई उस घाट पर हुई जहा पैसा कम था।
१५ लाख लेने वाला तहसील कार्यालय का वरिष्ट अफसर कौन?
रेती घाट धारक द्वारा तहसील कार्यालय के एक कथित वरिष्ट अफसर को कार्रवाई ना करने के लिए और अपने कर्मचारियों को भी कार्रवाई ना करने देने के लिए १५ लाख रुपए की घुस घाट धारक द्वारा दिए जाने की जानकारी सूत्रों से प्राप्त हुई है। सूत्र बताते है की इन १५ लाख में और भी बड़े अफसरों का हिस्सा हैं। और यह प्रति माह १५ लाख की घुस घाट द्वारा दी जाती है। जिस से अपना अवैध कारोबार बिना रोक टोक जारी रहे सके। इसलिए रेती घाट से संबंधित सभी अफसरों के व्हाट्सएप की जांच होना जरूरी है। इनके व्हाट्सप्प की जांच होने से दूध का दूध पानी का पानी होने की चर्चा जन जन में की जा रही है। अब देखना यह है क्या संबंधित अफसरों पर शिकंजा कसा जायेगा? जांच का विषय