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ताज्या घडामोडी

कवड़ी के दामों में बिकने वाला डस्ट करोड़ों में

एसीबी इंडिया सहित अन्य कोल वाशरी में किया जा रहा है उपयोग

रहेबर सेवा :- चंद्रपुर में कोयले की काला बाजारी खुले आम जारी है। सरकारी संयंत्र से निकलने वाला डस्ट तथा ऊर्जा केंद्र से निकलने वाले डस्ट का उपयोग कर सरकारी संयंत्रो को ही चुना लगाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा हैं। कोल वाशरी के मालिक द्वारा डस्ट की सरकारी संयंत्र को भेजे जाने वाले कोयले में मिलावट कर संयंत्रो को भेजा जा रहा है। जिससे संयंत्रो को तथा शासन को दोगुना नुकसान झेलना पढ़ रहा है। जिसपर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एसीबी इंडिया का भ्रष्टाचार उजागर किया गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक एमपीसीबी बोर्ड एसीबी इंडिया को चंद महीनों पहले नोटिस जारी किया गया था। जिसमे एमपीसीबी द्वारा बताया गया था की एसीबी इंडिया कोल वाशरी द्वारा रिजेक्ट कोल के नाम पर करोड़ों रुपए का सरकारी कोयला बाहरी मार्केट में बेचा गया है। जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का चूना एसीबी इंडिया कोल वाशरी के मालिक द्वारा लगाए जाने की जानकारी सामने आई है।

एसीबी इंडिया के मालिक द्वारा पर्यावरण के नियमो को ताक पर रखकर कारोबार जारी था। इसपर एमपीसीबी द्वारा शो कॉस नोटिस जारी किया गया था। जिसके जवाब में एसीबी इंडिया कोल वाशरी द्वारा टालमटोल जवाब दिए जाने की जानकारी सामने आई है।

एमपीसीबी के सवालों पर एसीबी इंडिया का मन मर्ज़ी जवाब

एमपीसीबी द्वारा रिजेक्ट कोल को बाहरी मार्केट में कच्चे में बेचे जाने पर और अन्य पर्यावरण के विभिन्न कानूनों को ध्यान में रखते हुए एसीबी इंडिया को शो कॉस नोटिस जारी किया गया था। पर एसीबी इंडिया द्वारा मन मर्ज़ी जवाब एमपीसीबी को दिए जाने की जानकारी सूत्रों से प्राप्त हुई है। कहा ये भी जा रहा है की जिन मुद्दों को एमपीसीबी ने जवाब मांगा था वह सारे मुद्दे एसीबी इंडिया के पत्र से गायब नजर आए। और जवाब के नाम पर एसीबी इंडिया द्वारा केवल एमपीसीबी को गुमराह करने का प्रयास एसीबी इंडिया द्वारा किया गया है। एसीबी इंडिया के पत्र से मुख्य मुद्दा रिजेक्ट कोल के नाम पर अच्छी गुणवत्ता का कोयला बाहरी उद्योग को बेचे जाने का मामला एसीबी इंडिया के पत्र से नदारत होने की जानकारी हमारे सूत्रों द्वारा पता चली है।

इस तरह किया जा रहा झोल
मिली जानकारी के मुताबिक़ एसीबी इंडिया रिजेक्ट कोल के नाम पर निजी कंपनियों को अच्छी गुणवंता का कोयला देती हैं अर्थात् घुग्घूस में स्थित सीमेंट कंपनी जिसे अछे गुणवंता का कोयला लगता हैं ,उसे ए सी बी इंडिया अपने इनवॉइस बिल में रिजेक्ट कोल बता कर बेच रही हैं .गोरतलप हैं की अपने गोरख धदें को छुपाने के लिये सरकार के कर बिलों सें अपने काली करतूतों को छुपाती रही हैं

एमपीसीबी से चंद्रपुर जिला वासियों की बढ़ी उम्मीदें

चंद्रपुर जिला औद्योगिक जिला होने की वजह से यहां का प्रदूषण भी सातवें आसमान पर होता है। हाल ही में छपी खबरों के मुताबिक चंद्रपुर जिला वर्ष 2023 के कुल 365 दिनो से केवल 32 दिन ही जिला वासियों के स्वास्थ्य के लिए अच्छे रहे बाकी अन्य दिनो में जहरीली हवा में ही जिला वासी सास लेते रहे। जिले में प्रदूषण बढ़ने की एक वजह जिले में स्थित कोल वाशरी भी है। कोल वाशरी के मालिक द्वारा मन मर्ज़ी पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जिसका खामियाजा बेगुनाह नागरिक जहरीली हवा में सास लेकर चुकाते नजर आते है। एमपीसीबी चंद्रपुर द्वारा कोयला वाशरी को दिए गए नोटिस एक राहत की सास साबित होता नजर आरहा है। नोटिस के साथ ही कठोर कार्रवाई बोर्ड द्वारा देखने को मिलेगी ऐसी उम्मीद जिला वासी आर.ओ यादव और एस.आर.ओ बहादुले से लगाए बैठे हुए है।

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