दिवाली विज्ञापन के नाम पर CTPS के आला अफसरों द्वारा लाखो रूपए की अवैध वसूली
क्या अफसरों ने अपने वेतन से बाटा दीपावली विज्ञापन?

चंद्रपुर :- बिजली निर्माण केंद्र चंद्रपुर हमेशा से ही भ्रष्टचार के मामले में चर्चा में रहता है। जैसे ही यहां बिजली निर्माण की जाती है ठीक उसी तरह भ्रष्टाचारी भी निर्माण की जाती है। आए दिन अफसरों और अफसरों के लाडले ठेकेदारों की साठगाठ होने की चर्चा सुनाई देती रहती है। बिजली निर्माण केंद्र के अफसरों की कुछ ठेकेदारों की रिश्तेदारी इस बार सामने आई। मामला कुछ इस तरह है की चंद्रपुर जिले के अनेक अखबारों में बिजली निर्माण केंद्र चंद्रपुर की दीपावली की बड़ी बड़ी विज्ञापन दिखाई दी। दीपावली के चंद दिन पहले बिजली निर्माण केंद्र के अधीक्षक अभियंता उप मुख्य अभियंता (प्र) तथा प्रथम अपीलीय अधिकारी महेश राजुरकर द्वारा जिले के पत्रकारों को विज्ञापन के नाम पर लाखो रूपए वाटप किए गए। इस विज्ञापन के लिए शासन द्वारा मान्यता दी गई थी क्या? विज्ञापन छपवाने हेतु आने वाला खर्च का पैसा कहां से लाया गया। इसकी जानकारी प्राप्त करने हेतु सूचना का अधिकार 2005 अंतर्गत पत्र व्यवहार किया गया। इसमें यह खुलासा हुआ की विज्ञापन छपवाने हेतु शासन द्वारा कोई मान्यता नहीं थी। इससे संबंधित कोई भी जानकारी बिजली निर्माण केंद्र में मौजूद नहीं है।
क्या अफसरों ने अपने वेतन से बाटा दीपावली विज्ञापन?
जब शासन द्वारा विज्ञापन की मंजूरी नहीं दी गई थी तो विज्ञापन छपवाने का पैसा आया कहा से यह समय का सवाल है? क्या बिजली निर्माण केंद्र के अफसरों ने स्वयं की तनख्वाह से कुछ हिस्सा विज्ञापन के लिए दिया? अगर यह सच है तो ईमानदारी से कार्य करने वाले अभियंताओ को ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी की पत्रकारों को खुश करने के लिए स्वयं की तनख्वाह से कुछ हिस्सा विज्ञापन के लिए देना पड़ा? कही अपने पाप छुपाने के उद्देश से तो दीपावली विज्ञापन का बहाना बनाकर पत्रकारों को खुश किया गया? क्या भ्रष्टचार के विरुद्ध कार्य करने वाले मुख्य अभियंता गिरीश कुमारवार ने भी स्वयं की तनख्वाह से कुछ हिस्सा पत्रकारों को खुश करने के लिए दिया गया? जांच का विषय