वायु नंदना प्लांट से निकलने वाली चूरी का कोल वाशरी में हो रहा है उपयोग
सरकारी संयंत्र को वाशरी के मालिक द्वारा करोड़ों का चूना
गडचिरोली/यवतमाल:- गडचिरोली के यहां पर स्थित वायु नंदना ऊर्जा केंद्र से निकलने वाली कोयले की राखड को ईट भट्ठी चलाने वाले कारोबारियों को दी जाती है। साथ ही इस राखड को बेचना अवैध माना माना जाता है। पर ईट भट्ठी के नाम से निकलने वाली यह राखड का उपयोग सरकारी संयंत्रो को चुना लगाने में उपयोग किया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वायु नंदना प्लांट से निकलने वाली वेस्टेज राखड को उठाने का ठेका देव अग्रवाल को मिला हैं। सूत्र यह भी बताते है की देव अग्रवाल को यह ठेका ईट भट्ठी के उपयोग के लिए दिया गया है। पर देव अग्रवाल द्वारा इस राखड को यवतमाल में स्थित एक कथित कोयला वाशरी को भेजा जा रहा हैं। जिस से कोल वाशरी के मालिक को आर्थिक लाभ मिल रहा है।
बताया जाता है की यवतमाल में स्थित एक कोल वाशरी में करोड़ों रुपए का कोयला सरकारी संयंत्र में वॉश कर कोयले की गुणवत्ता बढ़ा कर भेजने के लिए आता है। जिसमे कोयले की धुलाई कर कोयले की गुणवत्ता बढ़ा कर सरकारी संयंत्र को भेजना होता है। पर वाशरी के मालिक द्वारा सरकारी संयंत्र को भेजा जाने वाला कोयले को बाहरी मार्केट में बढ़े दामों में बेचा जा रहा है। और सरकारी संयंत्र को जिस गुणवत्ता का कोयला भेजा जाना चाहिए वह ना भेजते हुए वायु नंदना प्लांट से प्राप्त होने वाली राखड़ की मिलावट कर खराब गुणवत्ता का कोयला सरकारी संयंत्रो में भेजा जा रहा है। और करोड़ों रुपए का घपला कोल वाशरी के मालिक और देव अग्रवाल द्वारा किया जा रहा है।
शासन को हो रहा है दुगना नुकसान
सरकारी संयंत्र को खराब गुणवत्ता का कोयला प्राप्त होने से संयंत्रो में इस्तेमाल होने वाली मशीनों में बिगाड़ आता हैं। जिसे दुरुस्त करने के पीछे शासन को करोड़ों रुपए की लागत लगती है।जिस से सरकारी संयंत्र को आर्थिक नुकसान हो रहा है। जिस का एक उदाहरण चंद्रपुर में स्तथित ऊर्जा केंद्र में देखने मिलता हैं। चंद्रपुर के बिजली निर्माण केंद्र में हमेशा से ही यूनिट बंद होने की जानकारी सुनाई देती हैं। जिस की एक वजह खराब गुणवत्ता का कोयला भी होता है। सरकारी संयंत्र को मिलने वाले कोयले की वाशरी के मालिकों द्वारा बाहरी मार्केट में बेचने से इसका सीधा नुकसान सरकारी संयंत्र और शासन को होता हैं। और कोयला माफिया करोड़ों रुपए का गबन बड़े आसानी से करते दिखाई देते है। अब देखना यह है की वायु नंदना प्लांट के मालिक द्वारा देव अग्रवाल द्वारा निकाले जा रहे कोयले की राखड पर रोक लगाई जाएगी? साथ ही संबधित विभागों द्वारा यवतमाल में स्थित वाशरी पर कार्रवाई की जाएगी? जांच का विषय