साप्ताहिक चंद्रपुर का रहेबर अखबार को मिली सफलता
आखिर भ्रष्ट अभियंता काले का हुआ तबादला तबादला कर मामले को दबाने का किया जा रहा है प्रयास?

चंद्रपुर :- बिजली निर्माण केंद्र चंद्रपुर में काफी बड़ी संख्या में भ्रष्टाचार किया जाता है। और अफसरों द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार की खबरे आए दिन अखबारों में छपती नजर आती हैं। एक ऐसे ही अफसर की जानकारी साप्ताहिक चंद्रपुर का रहेबर अखबार को अखबार के दफ्तर पर पत्र द्वारा प्राप्त हुई। इस मामले को गंभीरता पूर्वक ध्यान दे कर जब इस मामले में अधिक पड़ताल की गई तो बिजली निर्माण केंद्र के यूनिट ३ – ४ में कार्यरत सहायक अभियंता काले के भ्रष्टाचार के मामले अधिक सामने आए। इसपर साप्ताहिक चंद्रपुर का रहेबर अखबार और पोर्टल चैनल द्वारा अनेक खबरे लगातार प्रकाशित की गई। अंत नतीजा यह निकला कि मुख्य अभियंता गिरीश कुमारवार द्वारा उपमुख्य अभियंता डा खुटे माटे को आदेश दे कर सहायक अभियंता काले का तबादला कराना पढ़ा।
यह था मामला
बिजली निर्माण केंद्र के यूनिट ३-४ में कार्यरत सहायक अभियंता काले द्वारा पूर्व के टेक्नीशियन शर्मा को लाखो रुपए के ठेके देने का आरोप एक कथित व्यक्ति लगाया गया। साथ ही ठेके में स्वयं का ५० प्रतिशत हिस्सा काले द्वारा लिए जाने की जानकारी पत्र द्वारा साप्ताहिक चंद्रपुर का रहेबर अखबार को दी गई थी। साथ ही विवादो में घरी भावना एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को भी काम के वास्तविक मूल्य से अधिक राशि का ठेका निकाल कर भावना एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के मालिक को आर्थिक लाभ पहुंचाने में भी सहायक अभियंता काले का योगदान रहा है। इसपर निरंतर खबरे प्रकाशित कर भ्रष्टाचारी पर अंकुश लगाने में अखबार को बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। खबरों के बाद सहायक अभियंता काले को ऑपरेशन में तबादला कर दिया गया है।
तबादला कर मामले को दबाने का किया जा रहा है प्रयास?
खबरों की दखल ले कर सहायक अभियंता काले का तबादला तो करवा दिया गया है पर मामले की जांच अब भी बाकी है। साप्ताहिक चंद्रपुर का रहेबर अखबार को मिली जानकारी के मुताबिक इस विभाग में काम की वास्तविक मूल्य से अधिक का ठेका निकाल कर ठेकेदारों को आर्थिक लाभ पहुंचाया गया है। जिसमे भावना एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दिए गए ठेके की जानकारी इससे पहले की खबर में हमारे द्वारा प्रकाशित की गई थी। इस ठेके में केवल सहायक अभियंता ही नही और भी आला अफसर भ्रष्टाचार में लिप्त है। जिसकी जांच होने पर कई अफसरों का काला चिट्ठा सामने आने की संभावना है। इसलिए भी इस ठेके की जांच होना समय की मांग है। केवल अफसर का तबादला करने से दूध का दूध पानी का पानी नहीं होगा। इसलिए २१० मेगावॉट में किए गए कामों की जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए ऐसी मांग सामान्य नागरिकों द्वारा की जा रही है।