श्रम एवम रोजगार विभाग के सहायक आयुक्त घुस खोर बाबू पर मेहरबान क्यों?
मामले की जानकारी होने के बाद भी नहीं दिखा कोई एक्शन?

चंद्रपुर:- जैसा आप को पिछली खबर में बताया गया था की आखिर किस तरह यह कथित बाबू ठेकेदारों से लेबर लाइसेंस प्राप्ति करने हेतु सहायक आयुक्त के नाम से अवैध वसूली करता था। इस मामले को साप्ताहिक चंद्रपुर का रहेबर अखबार में और रहेबर लाइव पोर्टल में प्रकाशित कर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार विभाग के सहायक आयुक्त को इस मामले को जानकारी दी गई थी। पर जब यह मामला आयुक्त राम तक पहुंचा तब आयुक्त राम ने कहा था की मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। पर अब इस मामले की हमारे विभाग के आला अफसरों से चर्चा कर जल्द से जल्द इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पर अब तक लगभग २ सप्ताह बीत चुके है। सहायक आयुक्त द्वारा अब तक कथित बाबू पर किसी किस्म की कार्रवाई नजर नहीं आई। और सहायक आयुक्त भी कार्रवाई करने में दिलचस्प नहीं दिखाई दे रहे है। क्यों की जब हमारे द्वारा इस मामले पर जवाब मांगा गया तब सहायक आयुक्त भड़क उठे और हमारे विभाग में ऐसा कुछ नही होने की हवाई बाते की गई। जबकि मामले की जांच की मांग बीते २ सप्ताह पहले ही की गई थी। तो आखिर अब तक इस मामले की जांच सहायक आयुक्त राम द्वारा क्यों नही की? यह बड़ा सवाल है।
इसी के साथ जब भी किसी विभाग के मुख्य अधिकारी के पास ऐसा कोई प्रकरण सामने आता है तो उस अफसर द्वारा पहले अपने विभाग में हो रहे कार्य पर ध्यान दिया जाता है। पर यहां मामला उल्टा ही नजर आया। जांच की जगह सहायक आयुक्त भड़क उठे आखिर इस भड़कने की वजह क्या है? कही उस कथित बाबू को सहायक आयुक्त द्वारा ही अवैध वसूली का परवाना तो दिया नही गया? यह सवाल अब जनता द्वारा उठाया जा रहा है। किसी पत्रकार पर भड़कने की जगह क्या अपने विभाग में हो रहे अवैध वसूली की जांच करना सहायक आयुक्त का कर्तव्य नहीं था। इस मामले को ले कर अब भारतीय ऑल मीडिया सुरक्षा फोरम ऑफ इंडिया की और आयुक्त साहब को निवेदन दिया गया है। और इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग फोरम द्वारा निवेदन के माध्यम से की गई हैं। इसी के साथ चंद्रपुर शहर के श्रम एवम रोजगार विभाग के सहायक आयुक्त को पत्रकार के साथ ऐसा गैर व्यवहार किए जाने पर निलंबन की मांग भी फोरम द्वारा की गई है। और इस मामले की जांच ना होने पर जवाब दो आंदोलन भी सहायक श्रमायुक्त केंद्रीय विभाग के सामन किए जाने की चेतावनी भी फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष अय्यूब भाई कच्छी द्वारा दी गई है। अब देखना यह है क्या श्रम एवम रोजगार विभाग के आयुक्त द्वारा इस मामले की निष्पक्ष जांच हो पाएगी? इसी के साथ इस मामले की सीबीआई द्वारा जांच कराना भी आवश्यक है जांच का विषय