लेबर लाइसेंस प्राप्ति के लिए देनी पढ़ रहीं है घुस
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार विभाग के कथित बाबू द्वारा की जा रही है घूस की मांग

चंद्रपुर:- केंद्रीय अंतर्गत आने वाले सभी संस्थानों में काम करने हेतु सभी कंपनियों को अपने लेबर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार विभाग में पंजीकृत करवाना अनिवार्य है अपने कर्मचारी पंजीकृत करवाने के बाद लेबर लाइसेंस प्राप्त होता है जिस के बाद कंपनी के कर्मचारी केंद्रीय संस्थानों में कार्य कर सकते है जब तक किसी भी कंपनी के कर्मचारियों के लाइसेंस नही बन जाते तब तक उस कंपनियों के कर्मचारियों को केंद्रीय संस्थानों में कार्य नहीं करने दिया जाता है। इसका भरपूर फायदा केंद्रीय श्रम एवं रोजगार विभाग के अफसर उठा रहा है
आप को बता दू चंद्रपुर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार विभाग द्वारा एक कथित बाबू द्वारा घुस लेबर लाइसेंस देने के लिए मांगी जा रही है और यह बाबू ठेकेदारों को फोन पर घुस की मांग करता है। और कहेता है की साहब को खर्चा पानी देना पढ़ता है। तो क्या केंद्रीय श्रम एवं रोजगार विभाग के सहायक आयुक्त साहब का घर वेतन से नही चल पाता? क्या सहायक आयुक्त साहब द्वारा इस बाबू को अवैध वसूली करने को कहा गया है?
आप को यह जान कर आश्चर्य होगा पहले प्रति कर्मचारी का सिक्योरिटी डिपोजिट ९० रुपए लिया जाता है। इसके व्यतिरिक्त १५०० से २००० हजार के करीब उपर की रक्कम कर्मचारी लाइसेंस के लिए वसूली जाती है और इसके बाद भी इस विभाग का कथित बाबू ठेकेदारों से घुस की मांग करता है आखिर इस अवैध वसूली के पीछे कोन है जांच का विषय?