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गड़चिरोली वन विभाग की जमीन पर प्लॉट डाल कर बेचने वाले आरोपीयो को बचाने का प्रयास

वनपरीशेत्र अधिकारी नही दी गई मामले की जानकारी क्या राज्य के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार कराएंगे मामले की निष्पक्ष जांच?

गड़चिरोली:- गड़चिरोली जिले में एक विचित्र मामला ही सामने आया। आय टी आय गोकुलनगर मार्ग पर वनविभाग की २१ सर्वे नंबर की १.२९ हेक्टर आर जमीन को साफ कर प्लॉट डाल कर कुछ लोगो द्वारा बेचने का प्रयास किया गया था। यह जमीन शासकीय होने कंप्लेंट स्थानीय नागरिकों द्वारा महसूल विभाग में की गई थी। जगह की गणना के दौरान यह जमीन वनविभाग की होने की जानकारी स्पष्ट की गई। जमीन पर प्लॉट डालने वाले लोगो को शासन द्वारा नोटिस भेज कर जमीन के कागजात पेश करने की आदेश दिए गए थे। सवानिवृत पुलिस निरीक्षक रहे चुके और अभी नागपुर यह स्थायिक रहने वाले मधुकर गुरनुले इन्होंने १९७५ का अतिक्रमण का पुरावा पेश किया था। इस के बाद का एक भी पूरावा पेश नही किया गया। इसी वजह से उनके अतिक्रमण ये अवैध होने की संभावना बढ़ गई है। इसी संदर्भ में ४ लोगो पर वनविभाग द्वारा अपराध दर्ज कराया गया है। जिसमे मनीष कन्नामवार, रूपेश सोनटक्के, नरेंद्र डोमळे, हरिष बांबोळे पर अपराध दर्ज कराया गया है।

वनपरीशेत्र अधिकारी नही दी गई मामले की जानकारी

इसपर जब हमारे प्रतिनिधि द्वारा वनपरीशेत्र अधिकारी से मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी लेने पहुंचे तब २ या ३ दिन में जानकारी देने की बात वनपरीशेत्र अधिकारी द्वारा की गई। पर खबर लिखे जाने तक वनपरीशेत्र अधिकारी के और से इस मामले की किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं मिली जिस से यह जाहिर हो रहा है की वनपरीशेत्र अधिकारी द्वारा ही उन आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है की इस मामले में वनपरीशेत्र अधिकारी भी शामिल है इसी के तर्ज पर वनपरीशेत्र अधिकारी पर भी निलंबन की कार्रवाई किए जाने की मांग स्थानीय नागरिकों द्वारा की जा रही है।

क्या राज्य के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार कराएंगे मामले की जांच?

गड़चिरोली जिले के वन विभाग के अफसरों द्वारा इस गंभीर मामले में आलसी बरते जाने की जानकारी सूत्रों से पता चली है। इसीलिए राज्य के वनमंत्री सुधीर भाऊ मुनगंटीवार द्वारा इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाए जाने की उम्मीद स्थानीय नागरिकों द्वारा लगाए जा रही है। अब देखना यह है क्या राज्य के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार द्वारा इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी?

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