सीएसटीपीएस में भ्रष्टाचार के जिम्मेदार मुख्य अभियंता गिरीश कुमारवार
सहायक अभियंता काले अभी भी कार्रवाई से दरकिनार

चंद्रपुर :- पिछले दिनों से साप्ताहिक चंद्रपुर का रहेबर अखबार और रहबर पोर्टल के माध्यम से बिजली निर्माण केंद्र में हो रहे भ्रष्टचार का भांडा फोड़ना जारी है। निरंतर हमारे चैनल द्वारा और पेपर द्वारा बिजली निर्माण केंद्र के यूनिट ३ – ४ में कार्यरत भ्रष्ट सहायक अभियंता काले पर एक कथित व्यक्ति ने गंभीर आरोप लगाए थे। और यह आरोप लिखित रूप से हमारे ददमहेल वार्ड स्थित कार्यालय में भेजा गया है। जिसमे २१० मेगावॉट में कार्यरत सहायक अभियंता द्वारा तत्कालीन टेक्नेशियम शर्मा के कंपनी को लाखो रुपए के ठेके सहायक अभियंता काले के मदद से दिए गए है। इस पर विस्तार से खबर पुराने अंक में प्रकाशित की गई है। इस मामले की सत्यता जानने के हेतु से जब हमारे सूत्रों से संपर्क किया गया तो मामला काफी गंभीर सुनाई दिया। साथ ही इसी विभाग से भावना एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को भी id फैन के ठेके में वास्तविक कीमत से अधिक बढ़ा कर आर्थिक लाभ पहुंचाया गया है। जिसकी जांच होना भी जरूरी है। इस मामले में लगातार खबरे प्रकाशित की गई पर मुख्य अभियंता कार्रवाई करने से कतराते नजर आरहे है।
पूर्व मुख्य अभियंता पंकज सपाटे को किया जा रहा है याद
मुख्य अभियंता यह पद उस विभाग का सर्वश्रेष्ठ पद माना जाता है। इस पद पर संपूर्ण विभाग के अच्छे और बुरे कार्य की जवाबदेही होती है। विभाग में होने वाले भ्रष्टाचार या ग्यैरव्यहार को पर अंकुश लगाने का अधिकार मुख्य अभियंता और उप मुख्य अभियंता के पास ही होता है। पूर्व के मुख्य अभियंता द्वारा जानकारी मिलते ही कार्रवाई के आदेश दिए जाते थे। और चंद दिनों के भीतर गैरव्यवहार करने वाले अफसरों को कार्रवाई का सामना पढ़ता था। पर वर्तमान में कार्यरत मुख्य अभियंता गिरीश कुमारवार कार्रवाई करने पर कटिबद्ध दिखाई नही दे रहे है। मुख्य अभियंता द्वारा जान बुझ कर एक अफसर को बचाना कही ना कही इस पद की गरिमा को तार तार करने जैसा दर्शा रहा है जिस से इस पद को न्याय दिलाने में मुख्य अभियंता गिरीश कुमारवार असफल नजर आरहे है। शायद इसीलिए भी पूर्व के मुख्य अभियंता वर्तमान के कार्यकारी निदेशक पंकज सपाटे को ठेकेदारों द्वारा याद किया जा रहा है।