घुग्घूस पुलिस फिर सवालों के कटघरे में
स्थानीय ट्रांसपोर्टरों से घुग्घूस पुलिस की साठ गाठ होने की नागरिकों में चर्चा

घुग्घूस:- घुग्घूस पुलिस आए दिन चर्चा में रहती है. आपराधिक दृष्टि से अति संवेदनशील माने जानेवाले घुग्घूस में जिस तरह से कानून और व्यवस्था होनी चहिए वह नजर नही आ रही है. कल सामने आए एक मामले से ये बात और अधिक स्पष्ट हो रही है. मामला अपराधो की जड़ कहे जानेवाले ट्रांसपोर्ट क्षेत्र से जुड़ा है. यहां के जय संतोषी मां ट्रांसपोर्ट के मनमानी कामकाज और उसमे काम करनेवाले कर्मचारियों की दबंगई इतनी बढ़ गई है कि आखिर पुलिस क्या कर रही है? ऐसा संतप्त सवाल लोग पूछने लगे है.
मामला कुछ ऐसा है कि जय संतोषी मां ट्रांसपोर्ट के वर्कर सन्तोष वर्मा और अभिषेक वर्मा ने एक ड्राईवर की जम कर पिटाई कर दी. भारी गालीगलौज के बीच हुई निर्मम मारपीट की शिकायत पीड़ित ड्राईवर सत्यनारायण राम ने घुग्घूस पुलिस थाने में दर्ज भी कराई. मामला गंभीर है बीते दिनो ट्रांसपोर्ट की रस्साकसी और वर्चस्व को लेकर ही खूनी खेल खेला गया है. ऐसे कई मामले सामने आने का इतिहास है मगर घुगगुस पुलिस को इससे कोई लेना देना नही है. मामले को गंभीरता से लें कर योग्य करवाई करने की बजाय आनन फानन में मामूली सी धाराएं लगा कर औपचारिकता पूरी कर दी. गौरतलब है कि इस मामले में पीड़ित सत्यनारायण राम पुलिस की इस करवाई से भारी नाराज है. उसका आरोप है कि घुगुस्स पुलिस ने धारा 323, 506, 504 लगा कर इस केस को ढीला कर दिया है. पुलिस ने जिस तरह से करवाई की है उससे पुलिस के आरोपियों के साथ अर्थपूर्ण सम्बंध होने की चर्चा उठी है. अपराधो को रोकने के लिए अपराधो की जड़ तक जा कर उसे नियंत्रित करना पुलिस का काम है. इसके लिए लोगों का सहयोग और विश्वास जीतना चाहिए न कि गुनाहों को और ज्यादा बढ़ने के लिए जगह बनानी चाहिए! घुघुस पुलिस हर बार कड़ी और निष्पक्ष करवाई में पीछे और कमजोर क्यों पड़ जाती है? ऐसा सवाल लंबे समय से लोगों को सताता रहा है. आए दिन ऐसे कई मामले दर्ज होते है और मामूली धाराओं के बाद निपट भी जाते है. इसी तरह की लापरवाही के कारण शहर में विविध प्रकार के गंभीर अपराध पनपे है, ऐसा लोगों का कहना है. बहरहाल मासूम ड्राइवर सत्यनारायण राम के मामले में पुलिस योग्य तथा कड़ी करवाई करे जिससे भविष्य में कोई अनहोनी ना हो, ऐसी अपेक्षा जनता कर रही है.