कोयला मजदूरों की मांगो को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा देशव्यापी एकदिवसीय हड़ताल

वणी क्षेत्र/कोल इंडिया – देश की प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर 09 जुलाई 2025 को अखिल भारतीय कोयला उद्योग में एकदिवसीय आम हड़ताल का आयोजन किया गया है। इस हड़ताल का आह्वान HMS, AITUC, INTUC, और CITU जैसे प्रमुख संगठन कर रहे हैं।
यह निर्णय 05 मई 2025 को रांची में आयोजित सभी केंद्रीय श्रमिक संगठनों की संयुक्त बैठक में लिया गया था, जिसमें श्रमिक विरोधी नीतियों, निजीकरण, ठेका प्रथा, वेतन विसंगतियों सहित कई मुद्दों पर चिंता जताई गई थी। हड़ताल की तारीख को लेकर 03 जुलाई को अंतिम रूप से सहमति बनी थी।
हड़ताल में भाग लेने वाले श्रमिकों की प्रमुख मांगे इस प्रकार हैं: कोल इंडिया और सिंगरेनी में निजीकरण, ठेकेदारी प्रणाली व विनिवेश पर रोक लगाई जाए। बंद पड़ी खदानों को फिर से शुरू किया जाए और नए कोल ब्लॉकों को निजी हाथों में देने की प्रक्रिया रोकी जाए। कामगारों को ₹26,000 न्यूनतम वेतन, 8 घंटे कार्यकाल व सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिले। स्थायी नौकरी, समान कार्य के लिए समान वेतन और नियुक्ति में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। 45 वर्ष से अधिक आयु के मजदूरों की छंटनी पर रोक लगे और उन्हें वैकल्पिक रोजगार मिले। 2022 में समाप्त हुए JBCCI के वेतन समझौते को तत्काल लागू किया जाए। कोल इंडिया और SCCL में कार्यरत महिलाओं को Roster में समान स्थान मिले। रिटायर्ड कर्मचारियों को ₹9000 मासिक पेंशन दी जाए। हड़ताल को कोयला मजदूरों का भारी समर्थन प्राप्त है और इसे वणी क्षेत्र सहित देशभर के कोयला क्षेत्रों में व्यापक रूप से सफल बनाने का आह्वान किया गया।
संयुक्त संघर्ष समिति (वे.को.ली.), जिसमें HMS, AITUC, INTUC, CITU और अन्य संगठन शामिल हैं, सभी श्रमिकों से अपील की है कि वे भारत सरकार की “मजदूर विरोधी, जनविरोधी, राष्ट्रविरोधी” नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर हड़ताल को सफल बनाया।
यह हड़ताल न केवल मजदूर हितों की सुरक्षा के लिए है, बल्कि देश के सार्वजनिक क्षेत्रों को बचाने की लड़ाई भी बताई गई है।