अवैध वसूली के मुख्य सूत्रधार है क्या मुख्य अभियंता गिरीश कुमरवार?
वर्धापन दिन के नाम पर करोड़ों की वसूली किसके आदेश पर? सूचना का अधिकार कानून की सरेआम उड़ाई जा रही है धज्जियां

चंद्रपुर :- बिजली निर्माण केंद्र यह भ्रष्टाचार का गड़ बनता दिखाई दे रहा है। यहां भ्रष्टाचार के मामले अन्य विभागों से अधिक है। बिजली निर्माण केंद्र चंद्रपुर में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल होने की कारण बाहर का व्यक्ति अंदर जा नही पाता जिस वजह से यहां काम करने वाले अफसर खुले आम भ्रष्टाचार किए जाने की जानकारी हमारे सूत्रों द्वारा पता चली है। भ्रष्टाचार के साथ साथ अब यहां के अफसर अवैध वसूली पर उतर आए है।
मामला कुछ यह है की १६ जनवरी को चंद्रपुर बिजली निर्माण केंद्र द्वारा ४० वा वर्धापन दिन बड़े ही धूम धाम से मनाया गया। इस वर्धापन दिन के उपलक्ष में मुख्य अभियंता गिरीश कुमरवार की उपस्थित में अनेक कार्यक्रम किए गए। जिनमे बैटमिटन, टेबल टेनिस, बुध्दिबल, कैरम, ब्रिज और लौंन टेनिस, व्हालीबॉल, कबड्डी, एथलेटिक्स, फुटबाल, बास्केट बॉल, और स्केटिंग, हाउसकेपिंग, चित्रकला, रांगोली, हस्तकला प्रदर्शन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, रक्तदान शिविर, हैप्पी स्ट्रीट, सूफी संगीत कार्यक्रम, मैराथन दौड़, क्रिकेट, जैसे कार्यक्रमो का आयोजन किया गया था। इन सभी कार्यक्रम को लगभग करोड़ों रुपए का खर्च हुआ। और बिजली निर्माण केंद्र को मान्यता निधि केवल २ लाख ३ हजार ६०० रुपए की ही निधि मंजूर हुईं थी। पर फिर वही सवाल है की इतना करोड़ों रुपए का खर्च वाला कार्यक्रम मात्र २ लाख के भीतर कैसे सिमट गया?
सूचना का अधिकार कानून की सरेआम उड़ाई जा रही है धज्जियां
बिजली निर्माण केंद्र में प्रत्येक कार्यक्रम में कार्यक्रम के हिसाब से लगने वाले खर्च की जानकारी मांगी गई तो मान्यता निधि जितनी थी उतना खर्च होने का सरासरी जवाब प्रथम अपीलीय अधिकारी डॉ शिंदे के आदेश पर केंद्र के सूचना अधिकारी अनिल पींगे द्वारा दिया गया है। पर प्रत्येक कार्यक्रमों का अलग अलग खर्च बताने में केंद्र असफल रहा। मांगी गई जानकारी को घुमा कर और सरासरी जानकारी देने से सूचना का अधिकार २००५ के कानून की सरेआम धज्जियां बिजली निर्माण केंद्र में उड़ाई जाती नजर आतीं है।
ठेकेदारों से लूटी गई राशि
बिजली निर्माण केंद्र में कार्यरत स्थाई ठेकेदारों को वर्धापन दिन के नाम पर अफसरों द्वारा करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया। सूत्र बताते है की प्रत्येक ठेकेदार से कार्यक्रम के नाम पर राशि मांगी गई और ठेकेदारों को मजबूरन अभियंताओं द्वारा मांगी गई राशि देनी पढ़ी। सूत्र यह भी बताते है की प्रत्येक ठेकेदार से उनके केंद्र में जारी कामों के हिसाब से पैसा वसूला गया। प्रत्येक ठेकेदार से १०, २०, ५०, १ लाख रुपए तक का वसूला गया। कुछ ठेकेदार द्वारा रक्कम तो कुछ ने ऑनलाइन के माध्यम से पैसे दिए थे। हैरान करने वाली बात तो यह है की यह वसूली अलग अलग विभाग के अलग अलग अफसरों ने की है। करोड़ों रुपए की अवैध वसूली किसके आदेश पर की गई यह सवाल जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है।
मुख्य अभियंता गिरीश कुमरवार है अवैध वसूली के मुख्य सूत्रधार?
करोड़ों रुपए की अवैध वसूली एक कार्यक्रम नाम पर की गई इसके पीछे किस आला अफसर का हाथ है इसकी जांच होना जरूरी है। क्या ५ उपमुख्य अभियंताओ ने की वर्धापन दिन के लिए वसूली? क्या मुख्य अभियंता गिरीश कुमरवार द्वारा वसूली के आदेश दिए गए थे? या फिर अभियंताओं ने स्वयं की मर्जी से वसूली की? अगर अभियंताओं ने स्वयं की मर्जी से वसूली की तो क्या इन अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी जांच का विषय?